संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना में कार्यों के चयन की विधि: एक वि श्लेषणात्मक अध्ययन

Authors

  • दिनेश डाॅ0 राजेश कुमार कुण्डू Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/c8bt5x12

Abstract


तत्कालीन प्रधानमंत्री पी0 वी0 नरसिम्हा राव जी ने 23 दिसम्बर, 1993 को संसद में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की घोषणा की थी। आरम्भ में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, ग्रामीण विकास मंत्रालय के नियंत्रण में थी। फरवरी 1994 में प्रथम दिशा निर्देश जारी किए गए, जिसमें योजना की संकल्पना, कार्यान्वयन और निगरानी को शामिल किया गया था। योजना का उद्देश्य सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर स्थायी, सामुदायिक परिसंपŸिा के सृजन पर जोर देते हुए विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की अनुशंसा करने हेतु सक्षम बनाना है। योजना के आरंभ से ही, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थायी परिसंपŸिायों अर्थात् पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़क इत्यादि का सृजन किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सांसदों ने बहुत से सराहनीय कार्य किए हैं जैसेः- ब्लड प्यूरी फायरस का निर्माण जिसके परिणामस्वरूप सस्ता इलाज संभव हुआ, और ऊर्जा प्लेटों की स्थापना, कंप्यूटरस आॅन व्हीलस, कौशल विकास केंद्रों की स्थापना, भारत निर्माण व कूडा निपटान आदि।  सांसद द्वारा कार्यों को अनुबंध-3 में वर्णित करके नोडल अधिकारी के समक्ष भेजा जाएगा। सांसद के किसी प्रतिनिधि द्वारा भेजे गए कार्यों को अनुमति नहीं मिलेगी अर्थात् अनुबंध पर सांसद के हस्ताक्षर होने चाहिए। इसलिए योजना के अंतर्गत कार्यों के चयन के विधि का अध्ययन किया गया है। शोध पत्र में प्राथमिक व द्वितीयक प्रकार के आंकड़ों का अध्ययन किया गया है।

Published

2012-2024

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Articles

How to Cite

संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना में कार्यों के चयन की विधि: एक वि श्लेषणात्मक अध्ययन. (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 12(4), 168-176. https://doi.org/10.7492/c8bt5x12

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