जनपद ललितपुर (उ0प्र0) में जनसंख्या वृद्धि प्रतिरूप
DOI:
https://doi.org/10.7492/q5wecr09Abstract
जनसंख्या से तात्पर्य एक स्थान या क्षेत्र विशेष में निवासित लोगो की संख्या अर्थात् एक स्थान, समुदाय या क्षेत्र में वास्तविक या आँकलन किए गए लोगों की संख्या। जनसंख्या का अध्ययन भूगोल में विशेष रूप से जनसंख्या के प्रबन्धन, जनसंख्या के बढ़ने और घटने के कारणों, लोगों के स्थानीय प्रवासन तथा जनसंख्या के भौगोलिक प्रतिरूप के अध्ययन को समहित करता है। जनसंख्या वृद्धि को जनसंख्या बढ़ोत्तरी की प्रक्रिया कहा जाता है। इसमें जनसंख्या के वृद्धि दर का अध्ययन होता है, जिसमें लोगों की बढ़ती संख्या, जनसंख्या के कारणों एवं इसके सामाजिक तथा आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारक होते हैं जैसेः- जन्मदर, मृत्युदर तथा प्रवासन आदि। इन सभी कारकों का संयोजन, जनसंख्या वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जन्मदर एक समयान्तराल में एक स्थानीयता क्षेत्र में होने वाले जन्मों की संख्या को दर्शाता है। यह एक विशिष्टि समय अवधि में एक स्थान पर होने वाले जन्मों का आँकड़ा होता है और इससे जनसंख्या में वृद्धि की मात्रा का पता लगता है। मृत्युदर एक समयान्तराल में एक स्थानीयता क्षेत्र में होने वाली मृत्युओं की संख्या को दर्शाता है। इससे जनसंख्या में कमी की मात्रा का पता लगता है। जनसंख्या प्रवास का अर्थ जब जन समुदाय अपने स्थानीय क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या के कारण चले जाते हैं। यह सामान्यतः रोजागर, शिक्षा अथवा अन्य सामाजिक कारणों से हो सकता है।