पं. मदन मोहन मालवीय के शैक्षिक विचारों की समसामयिक प्रासंगिकता का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.7492/wjvxdn47Abstract
किसी भी राष्ट्र एवं समाज की प्रगति एवं विकास शिक्षा पर निर्भर करता है। वर्तमान में शिक्षा कैसी है तथा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में शिक्षा कैसी होनी चाहिए इन सन्दर्भों में महापुरुष, विद्वान, समाज सुधारक एवं राजनीतिज्ञ अपनी संस्कृति के अनुरूप शिक्षा संरचना का मार्गदर्शन करते हैं। प्राचीन काल से ही गुरु, ऋषि, मुनि कालान्तर में वाल्मीकि, व्यास, चाणक्य तथा आधुनिक काल में दयानन्द, अरविन्द, टैगोर, गाँधी, ज्योतिबा फुले, मदन मोहन मालवीय, बाबा साहब अम्बेडकर, डॉ. जाकिर हुसैन आदि के शैक्षिक विचारों ने भारतीय शिक्षा को प्रभावित किया है। इनकी शैक्षिक विचारधाराओं पर शिक्षण संस्थानों की स्थापना हुई है। इन शैक्षिक चिन्तकों में मालवीय जी का नाम विशेष उल्लेखनीय है। उन्होंने अपने शैक्षिक विचारों के आधार पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे विश्वप्रसिद्ध विश्वविद्यालय की बनारस में स्थापना की। उनके शैक्षिक विचारों की वर्तमान में व भावी सन्दर्भ में प्रासंगिकता जानने के लिए प्रस्तुत अध्ययन सम्पन्न हुआ है। उच्च माध्यमिक स्तरीय शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की राय में वर्तमान भारत में मालवीय जी के शैक्षिक विचार अत्यन्त प्रासंगिक हैं।