सुश्रुतसंहिता में वर्णित महावातव्याFधि ‘वातरक्त्’

Authors

  • डॉ० सपना चन्देुल अपूर्बा हलदर Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/v7z2gw58

Abstract

‘आयुर्वेद’ दो शब्‍द से मिलकर बनता है-आयु:+वेद। ‘आयु’ शब्‍द का अर्थ अमरकोश के अनुसार ‘जीवितावच्छिन्‍न: काल आयु:’[1] और आदर्श हिन्‍दी संस्‍कृत कोशानुसार वयस्, जीवितकाल:, विजीवितम् आदि।[2] संस्‍कृत हिन्‍दी कोश में ‘वेद’ का अर्थ ज्ञान।[3] इस प्रकार संयुक्‍त रूप से ‘आयुर्वेद’ का अर्थ आयुर्विज्ञान, धनवन्‍तरिशास्‍त्र, वैद्यविद्या आदि है।[4] ज्ञान शब्‍द कोश[5] में इसको स्‍वास्‍थ्‍य-शास्‍त्र और चिकित्‍साशास्‍त्र भी बतलाया गया है। बृहत् हिन्‍दी शब्‍दकोश[6] के अनुसार आयु के लिये लाभकारक और हानिकारक पदार्थों का वर्णन और रोगों के निदान तथा चिकित्‍सा का वर्णन करने वाला शास्‍त्र ‘आयुर्वेद’ है। चरक में आयुर्वेद को परिभाषित करते हुये कहा गया है कि हित, अहित, सुख, दु:ख और आयु तथा उसका हिताहित (पथ्‍यापथ्‍य) एवं मान (प्रमाण और अप्रमाण) बताने वाले शास्‍त्र का नाम ‘आयुर्वेद’ है-

 

 

 

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

सुश्रुतसंहिता में वर्णित महावातव्याFधि ‘वातरक्त्’. (2025). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 13(8), 195-209. https://doi.org/10.7492/v7z2gw58

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