कांगड़ा जनपद में विवाह की रस्में और लोकगीत (मध्यकालीन समय से लेकर और आज तक)
DOI:
https://doi.org/10.7492/y93qmb31Abstract
इस शोध पत्र में काँगड़ा के विवाह विवाह की रस्में और लोक गीत" विवाह की परंपराओं, गीतों, और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं को प्रस्तुत किया गया है l
काँगड़ा में विवाह की रस्में और लोक गीत" बहुत ही समृद्ध और दिलचस्प है। इसमें विवाह की परंपराओं, गीतों, और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है। निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर शोध पत्र की संरचना तैयार की जा सकती है l इस प्रस्तुत शोध पत्र में काँगड़ा की भौगोलिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, विवाह की परंपराओं का काँगड़ा क्षेत्र में महत्त्व, विवाह गीतों का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव आदि के ऊपर चर्चा की गयी हैl
विवाह गीतों से अभिप्राय; विवाह पूर्व गीत, जैसे मंगनी और मेहंदी के समय गाए जाने वाले गीत। विवाह संस्कार के गीत, फेरे, वरमाला, और अन्य रस्मों के समय गाए जाने वाले गीत। विदाई गीत; नववधू के घर से विदा होने पर गाए जाने वाले गीत।