जल स्त्रोतों से आर्थिक लाभ

Authors

  • कौशल्या वर्मा, डाॅ0 सीमा वर्मा Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/csentz14

Abstract

राजस्थान भारत का प्रमुख भाग है। इसके पश्चिमी भाग में रेगिस्तान की बहुलता है। वहां संस्कृति और सभ्यताओं, की अपनी अलग पहचान है। रेगिस्तान में बीकानेर रियासत की स्थापना राव बीका ने की। इस क्षेत्र को प्राचीन काल में जांगल प्रदेश कहा जाता था, इसका कारण जल का अभाव होना है। जल के अभाव में कांटेदार वृक्ष शमी, केर और पीलू पाये जाते है। जल स्त्रोत के कम होने से रियासत की अधिकांश भूमि बंजर और रेतीली है। जिसमें जल के अभाव में कृषि कार्य भी नहीं होता है। कृषि व्यवसाय कम होने से जनंसख्या का भी अभाव रहता है। वर्षा कम होने से अकाल, की अधिकता रहती है। जल स्त्रोतों में तालाब, कुएं और बावडियां थी। रियासत में एकमात्र एक घग्घर बहती है, जो सूरतगढ़, अनूपगढ़ और पाकिस्तान तक जाती है। नदी के बहाव क्षेत्र में जलोढ़ मृदा से कृषि अच्छी होती है।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

जल स्त्रोतों से आर्थिक लाभ. (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 13(10), 238-243. https://doi.org/10.7492/csentz14

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