दिव्यांग (मूकबधिर) विद्यार्थियों के समायोजन स्तर का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Authors

  • जया नरेला, डॉ. अमित कुमार दवे Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/t84qby13

Abstract

भारत में, 3 से 21 वर्ष की आयु के विशेष शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। विशेष शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत, विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं वाले बच्चों के लिए विशेष शैक्षिक कार्यक्रम लागू किए गए हैं। राजस्थान में, 2011 की जनगणना के अनुसार, लगभग 5.5 मिलियन व्यक्तियों को श्रवण और दृष्टि बाधितता है, जिनमें से केवल 30% बच्चे स्कूल में नामांकित हैं, यह मुख्य रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों और संसाधनों की कमी के कारण है। । यह अध्ययन 500 छात्रों पर किया गया जिसमे श्रवण 335 एवं दृष्टि बाधित 165  छात्रो से लि जानकारी के आधार पर निसकर्ष निकले गए|   समायोजन स्तर के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि लड़कियों (2.89) और लड़कों (2.90) के बीच समायोजन स्तरों का अंतर बहुत मामूली था, और P-मूल्य (0.978) के अनुसार यह अंतर सांख्यिकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं था। कई छात्र सकारात्मक समायोजन का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन कुछ विशेष रूप से शैक्षणिक और व्यवहारिक क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करते हैं, जिससे लक्षित हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इस शोध पत्र का मुख्य उद्देश्य राजस्थान में श्रवण एवं दृष्टि बाधित छात्रों के समायोजन स्तर का अध्ययन करना है, विशेष रूप से कोटा संभाघ के संदर्भ में।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

दिव्यांग (मूकबधिर) विद्यार्थियों के समायोजन स्तर का विश्लेषणात्मक अध्ययन. (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 12(3), 472-481. https://doi.org/10.7492/t84qby13

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