महात्मा बुद्ध: एक तथ्यपरक अध्ययन

Authors

  • राजीव कुमार दास Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/6qp8md78

Abstract

गौतम बुद्ध दुनिया के पहले ऐसे चिंतक हैं जिन्होंने धर्म को बुद्धि, विवेक और वैज्ञानिकता की कसौटी पर परखकर मनुष्य के अतःस्तल को झंकृत किया है। साधारण समझ रखने वाले मानव से लेकर असाधारण सोच रखने वाले मानव तक को धर्म, समाज, दुनिया आदि पर सोचने को विवश कर दिया। मानव समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए जिन-जिन सामाजिक बुराइयों का सामना करना पड़ता है, सबका सामना करना, पर्दाफाश करना इनके जीवन का लक्ष्य था। परम्परा से प्रेम और करुणा, ज्ञान और उदारता, विवेक और परदुःख कातरता की जो उदात्त भावनाएँ रहीं वह किसी खास लोगों के लिए अधिकृत थे। मानव मानों अपने कर्तव्य से विमुख हो गए थे। धर्म की ओट में छुपकर विलास और भोग में रहना कर्तव्य नहीं है। अपनी संतुष्टि के लिए दूसरे का अधिकार हनन करना कर्तव्य नहीं है। समाज में वर्चस्व स्थापित करने के लिए किसी का अस्तित्व मिटा देना, पड़यंत्र बुनते रहना कर्तव्य नहीं है। ऐसी अनेक कुप्रथाओं के खिलाफ लोगों की चेतना को जगाने का काम किया। सबकी दृष्टि खोलने का काम किया। मन से, वचन से और कर्म से समानता का भाव जगाने का कार्य किया। विषमता उत्पन्न करने वाले अवगुणों से सर्तक रहने का संदेश दिया।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

महात्मा बुद्ध: एक तथ्यपरक अध्ययन. (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 13(12), 221-231. https://doi.org/10.7492/6qp8md78

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