किशोर विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.7492/sb89n597Abstract
किशोर विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन
आशा जैन
डाॅ. ममता कुमावत
शिक्षा एक सतत् और जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। देश में आज कई नई दिशाएं और नये दृष्टिकोण उभरे है। आज बदलते हुए लक्ष्यों के साथ शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण और उसके कार्यक्रम भी इस परिवर्तन की प्रक्रिया से अछूते नहीं रहे हैं। अतः शिक्षा का सही स्वरूप सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग जनप्रतिनिधियों की भागीदारी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों मुख्य रूप से शिक्षकों के प्रयत्नों एवं अभिभावकों की जागरूकता से ही प्राप्त हो सकता है।
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य किशोरों के सर्वांगीण विकास करना है। योग भी शिक्षा का एक अभिन्न अंग है। योग में छात्रों की शारीरिक क्षमता एवं मानसिक विकास सम्पूर्ण एवं सही दिशा में होता है। शारीरिक क्षमता एवं मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक है। शारीरिक रूप से स्वास्थ्य किशोर ही मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकता है।

