उत्तराखंड के जिले देहरादून में छात्रों पर नवीन संचार प्रौद्योगिकी का प्रभाव :एक विश्लेषण

Authors

  • श्रीमती वंदना and प्रो०डॉ० श्रीपाल चौहान Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/zv1cwv86

Abstract

सार शोधार्थी द्वारा प्रस्तुत शोधपत्र भारत के राज्य उत्तराखंड के जिले देहरादून शहर में  अध्ययनरत छात्रों के बीच नवीन संचार माध्यमों से छात्रों पर पड़ने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के बीच संबंधों की जांच करता है। वर्तमान वैश्वीकरण  के युग में विश्वभर में नवीन संचार तकनिकी एवं प्रौद्योगिकी सामाजिक, आर्थिक एवं संस्कृतिक परिदृष्य को परिवर्तित कर रहा है। पूर्व के देहरादून की तुलना में देहरादून नवीन संचार तकनीकी एवं प्रौधोगिकी के प्रयोग के कारण विकासशील शहर का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। (1)

वर्तमान शोध शोधार्थी द्वारा देहरादून के सुदूर एवं पिछड़े क्षेत्र में सर्वेक्षण, साक्षात्कार एवं पूर्व में किये गए अध्ययनों का अवलोकन का प्रयोग करके विस्तारित दृश्टिकोण को अपनाकर किया गया है। (2)

शोध में देहरादून के छात्रों पर पड़ने वाले संचार तकनीक  एवं सोशल साइट के प्रभाव एवं तकनीकी प्रगति देहरादून के सामाजिक परिवेश, रहन-सहन के तौर-तरीके को किस प्रकार से बदल कर रख दिया है का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोधपत्र में देहरादून में अध्ययनरत छात्रों एवं अन्य व्यक्तियों के बीच संचार पैटर्न, संपर्क और प्रथाओं में हो रहे बदलावों का पता चलता है। वर्तमान समय में संचार तकनिकी में हुए क्रन्तिकारी बदलावों के कारण प्राप्त अवसरों एवं उनके साथ आयी कठिनियों को उजाकर करने का कार्य किया है।(3)  देहरादून में बढ़ते मॉल्स, मलिप्लेक्स, बी पी ओ एवं कॉल सेंटर के कारण छात्रों में आधुनिकीकरण की जटिलता को गतिशीलता में अंतदृष्टी प्रदान करते हैं। प्रस्तुत शोध देहरादून के स्थानीय समुदाय पर नवीन संचार प्रौद्योगिकी के पड़ने वाले प्रभावों को समझने व्यापक ज्ञान प्रदान करता है साथ ही साथ विकसित शहरों में राज्य सरकारों को निवासियों के लिए निति का निर्माण करने के लिए सहायता प्रदान करता है  साथ ही साथ निति निर्माताओं को सही एवं सटीक आकड़ों तक उनकी पहुँच प्रदान करता है। 

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

उत्तराखंड के जिले देहरादून में छात्रों पर नवीन संचार प्रौद्योगिकी का प्रभाव :एक विश्लेषण. (2025). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 14(1), 27-41. https://doi.org/10.7492/zv1cwv86

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