व्याकरणशास्त्र में निर्दिष्ट समासनित्यता और महाविभाषा का स्वरूप

Authors

  • मनीष कुमार  and प्रो. सुरेन्द्र कुमार Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/ecqzmp20

Abstract

पाणिनीय व्याकरण के आलोक में संस्कृत भाषा के संरचनात्मक वैशिष्ट्य का विश्लेषण किया गया है, जिससे वैदिक व लौकिक शब्दों का मूल अर्थ वर्तमान समय तक सुरक्षित है।
आचार्य पाणिनि ने संस्कृत भाषा के वैशिष्ट्य को उसकी सुबन्तादि पदव्यवस्था, सन्धि तथा पदों में समासादि के विश्लेषण को अद्भुत, वैज्ञानिकतापूर्ण व सटीकता से प्रस्तुत किया है। जिसमें समास श्लेष प्रधान संस्कृत भाषा का महत्वपूर्ण अङ्ग है।
इस शोध पत्र में महाभाष्य में निर्दिष्ट समास प्रकरण सम्बन्धी महाविभाषा और समासनित्यता पर विचार किया जा रहा है।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

व्याकरणशास्त्र में निर्दिष्ट समासनित्यता और महाविभाषा का स्वरूप. (2025). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 14(1), 134-143. https://doi.org/10.7492/ecqzmp20

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