आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में स्त्री स्वर

Authors

  • डाॅ. सुनीता Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/qgqem591

Abstract

आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में स्त्री स्वर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इसके तहत महिलाओं की भावनाओं, संघर्षों और सशक्तिकरण की कहानियों को विशेष रूप से उजागर किया गया है।

आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में स्त्री स्वर नारीवादी दृष्टिकोण को महत्व देता है। इसमें महिलाओं के समाज में स्थान, उनकी स्थिति, अधिकार और स्वतंत्रता के विषयों पर जोर दिया गया है। कथा साहित्य में महिलाएं अपने अस्तित्व की खोज करती हैं और अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं।

कुछ प्रमुख रचनाकार, जैसे महादेवी वर्मा, मन्नू भंडारी, कृष्णा सोबती, और मृदुला गर्ग ने अपने लेखन में स्त्री स्वर को प्रबल रूप से प्रस्तुत किया है। उनकी कहानियों में महिलाओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया गया है, जो समाज की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देते हैं और नारीवाद के विचारों को सामने लाते हैं।

इस प्रकार, आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में स्त्री स्वर नारी सशक्तिकरण और स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे पढ़कर समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाई जा सकती है।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में स्त्री स्वर. (2025). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 14(2), 1-35. https://doi.org/10.7492/qgqem591

Share