सामाजिक बुराइयों के लिए उठाए गएकदम एवं उनका प्रभाव
DOI:
https://doi.org/10.7492/py8mc289Abstract
भारत ने 90 के दशक में आर्थिक सुधार शुरू किया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उस समय देश के वित्त मंत्री थे. सुधारों से उम्मीद थी कि लोगों के आर्थिक हालात सुधरेंगे, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान न देने की वजह से गरीबी, कुपोषण, भ्रष्टाचार और लैंगिक विषमता जैसी सामाजिक समस्याएं बढ़ी हैं. अब यह देश के विकास को प्रभावित कर रहा है. दो दशक के आर्थिक सुधारों की वजह से देश ने तरक्की तो की है, लेकिन एक तिहाई आबादी अभी भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रही है. भारत इस अवधि में ऐसा देश बन गया है जहां दुनिया भर के एक तिहाई गरीब रहते हैं.
Published
2012-2024
Issue
Section
Articles
How to Cite
सामाजिक बुराइयों के लिए उठाए गएकदम एवं उनका प्रभाव. (2025). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 14(3), 1-35. https://doi.org/10.7492/py8mc289