फणीश्वरनाथ रेणु : गाँव के प्रति चिर आस्था का कहानीकार
DOI:
https://doi.org/10.7492/et1kdr26Abstract
फणीश्वरनाथ रेणु के साहित्य का केंद्र-बिंदु है गाँव | तमाम विसंगतियों के बावजूदयह गाँव रेणु की आस्था है; इसलिए रेणु के लेखन में गाँव समग्रता से उपस्थित है | ऐसा नहीं कि रेणु ने नगरीय जीवन पर नहीं लिखा | किन्तु,बावजूद इसके रेणु मूलत: ग्रामीण जीवन के रचनाकार हैं |भक्तिकाल के कवियों के लिए जैसे ईश्वर केंद्र में है; रीतिकालीन कवियों के लिए जैसे नायिका महत्वपूर्ण है ;पंत औरछायावाद के लिए जैसे प्रकृति है ; वैसे ही रेणु के लिए गाँवमहत्वपूर्ण है । घनानंद यह जानते हैं कि सुजान की नीयत क्या है उसकी स्थिति क्या है ,बावजूद इसके सुजान से उसका प्रेम कम नहीं होता । वैसे ही गाँव के बारे में रेणु ठीक से जानते हैं कि यहाँ जातिवाद है,
Published
2012-2024
Issue
Section
Articles
How to Cite
फणीश्वरनाथ रेणु : गाँव के प्रति चिर आस्था का कहानीकार . (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 12(3), 115-126. https://doi.org/10.7492/et1kdr26