फणीश्वरनाथ रेणु : गाँव के प्रति चिर आस्था का कहानीकार

Authors

  • डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/et1kdr26

Abstract

फणीश्वरनाथ रेणु के साहित्य का केंद्र-बिंदु है गाँव | तमाम विसंगतियों के बावजूदयह गाँव रेणु की आस्था है; इसलिए रेणु के लेखन में गाँव समग्रता से उपस्थित है | ऐसा नहीं कि रेणु ने नगरीय जीवन पर नहीं लिखा | किन्तु,बावजूद इसके रेणु मूलत: ग्रामीण जीवन के रचनाकार हैं |भक्तिकाल के कवियों के लिए जैसे ईश्वर केंद्र में है; रीतिकालीन कवियों के लिए जैसे नायिका महत्वपूर्ण है ;पंत औरछायावाद के लिए जैसे प्रकृति है ; वैसे ही रेणु के लिए गाँवमहत्वपूर्ण है । घनानंद यह जानते हैं कि सुजान की नीयत क्या है उसकी स्थिति क्या है ,बावजूद इसके सुजान से उसका प्रेम कम नहीं होता । वैसे ही गाँव के बारे में रेणु ठीक से जानते हैं कि यहाँ जातिवाद है, 

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

फणीश्वरनाथ रेणु : गाँव के प्रति चिर आस्था का कहानीकार . (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741 UGC CARE 1, 12(3), 115-126. https://doi.org/10.7492/et1kdr26

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