‘‘सामान्य एवं विकलांग विद्यार्थिंयों के संवेगात्मक विकास का एक तुलनात्मक अध्ययन: मुरादाबाद क्षेत्र के संदर्भ में‘‘

Authors

  • पिंकी and डा0 तृप्ती पाण्डेय Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/3p4khb43

Abstract

’’सामान्य और विकलांग विद्यार्थियों के संवेगात्मक विकास का अध्ययन’’ यह दर्शाता है कि दोनों के संवेगात्मक विकास में कई कारक शामिल होते हैं। सामान्य विद्यार्थियों का विकास सामाजिक अनुभवों और शिक्षा से प्रभावित होता है, जबकि विकलांग विद्यार्थियों के विकास में उनकी विकलांगता, परिवार, समाज, और शिक्षा प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विकलांग विद्यार्थियों को भेदभाव और अस्वीकृति का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके आत्म-सम्मान और संवेगात्मक विकास को प्रभावित करता है। विशेष शिक्षा और समावेशी शिक्षा प्रणाली विकलांग विद्यार्थियों के आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। परिवार, शिक्षकों और समाज का समर्थन उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामाजिक समावेश और प्रोत्साहन विकलांग विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे उनका संवेगात्मक विकास सुदृढ़ हो सकता है। शोध अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष - मुरादाबाद जनपद में अध्ययनरत् उच्च प्राथमिक स्तर के सामान्य एवं विकलांग विद्यार्थिंयों के संवेगात्मक विकास में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया।

Published

2012-2024

Issue

Section

Articles

How to Cite

‘‘सामान्य एवं विकलांग विद्यार्थिंयों के संवेगात्मक विकास का एक तुलनात्मक अध्ययन: मुरादाबाद क्षेत्र के संदर्भ में‘‘. (2024). Ajasraa ISSN 2278-3741, 13(10), 100-106. https://doi.org/10.7492/3p4khb43

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