प्रौद्योगिकी संदर्भ में भारत-अमेरिका सम्बन्ध
DOI:
https://doi.org/10.7492/8j55w571Abstract
भारत और अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देषों के सम्बन्धों को 21वीं सदी की सबसे महत्त्वपूर्ण साझेदारी बताया। अमेरीकी राष्ट्रपति रीगन की 20 जनवरी, 1989 में भारत यात्रा के बाद भारत-अमेरिका सम्बन्धों को नई ऊर्जा मिली है। 1990 के दषक में भारतीय आर्थिक नीति में बदलाव के परिणामस्वरूप भारत और अमेरिका के सम्बन्धों में कुछ सुधार देखने को मिले तथा पिछले एक दषक में इस दिषा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। दक्षिण एषिया क्षेत्र में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के कारण तथा घटती विदेषी मुद्रा भण्डार और घरेलू अषांजि जैसी चुनौतियां है और भारत इसमें सुधार व आर्थिक क्षेत्र को उन्नत करने में अग्रणी है और अमेरिका इसका सहयोगी हो सकता है भारत की नीतियों के कारण अमेरिका भारत के नजदीक आया है। भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका ने दोनों देषों के सम्बन्धों को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान दिया। जनवरी, 2015 में राष्ट्रपति ओबामा ने भारत की यात्रा की। दोनों ही देष अर्थव्यवस्थाओं और मजबूत लोकतंत्रों को सुदृढ़ करने में वैष्विक साझेदार हैं साथ ही उन्नत स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम को लेकर उभरती प्रौद्योगिकी पर तकनीकी कार्य में सहयोगात्मक माहौल बनाया है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा 25 जनवरी, 2015 की भारत यात्रा दोनों देषों के द्विपक्षीय सम्बन्धों के साथ ही क्षेत्र की शांति के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।